Saturday, May 17, 2014

तन्हाई



खो दिया है तुझको दूर रख कर मुझसे,
हो गयी ये खता अब मुझसे,
नाता है दिल का ये तुझसे,
न मर सकूँ न जी सकूँ,
अब रह कर दूर तुझसे,
दूर रह कर भूल न पाऊ एक पल भी,
न रहा अब कोई सरोकार ही मेरा मुझसे,
दूर हुआ इस कदर में तुझसे,
शायद मैं ही न मिल सकूँ कभी अब मुझसे,
एक खता की मिली ये सजा है मुझको,
पाकर ही खो दिया है अब तुझको,
रात दिन अब एक शिकायत हैं मेरी मुझसे,
क्या करूँ ऐसा अब की खुद को मिला दूँ तुझसे,
इस तन्हाई ने पुछा है ये सवाल अब मुझसे,
सुन के सवाल इस तन्हाई का,
न मिला अब पा रहा हूँ ये नजरें ही खुद से.....
खो दिया है तुझको दूर रख कर मुझसे,
हो गयी ये खता अब मुझसे,
नाता है दिल का ये तुझसे,
न मर सकूँ न जी सकूँ,
अब रह कर दूर तुझसे.......

रूप सुहाना इस दुनिया का.....



रूप सुहाना इस दुनिया का
पर इस दुनिया के लोगों के हैं रूप हजार
पल में पास आते है, करते है इजहार दोस्ती का
दूसरे ही पल हो जाते है बेगाने ये बीच बाज़ार....
रूप सुहाना इस दुनिया का
पर इस दुनिया के लोगों के हैं रूप हजार....
मिलके जानते है ये दिल का हर हाल
उसी दिल को बाद में करते है ये बेहाल
ऐसा नहीं समझया नहीं किसी ने हमको कितनी बार,
समझाया हर बार ऐसे जैसे हम हो उनके ही लाल....
रूप सुहाना इस दुनिया का
पर इस दुनिया के लोगों के हैं रूप हजार.....
समझने की उस कड़ी में कुछ इस तरह हम मग्न हुए
अपने कम और उनके ही बस हम हुए
जा रहे थे दूर हमसे वो कुछ समय बाद
पर हर कदम पर दूर उनसे हम हुए........
रूप सुहाना इस दुनिया का
पर इस दुनिया के लोगों के हैं रूप हजार......
वो जाते गए दूर और गुम हुए
वो तो खुश थे दूर जाकर भी हमसे
पर हमारे ही ये नेन नम हुए .....
रूप सुहाना इस दुनिया का
पर इस दुनिया के लोगों के हैं रूप हजार....
भूल गए वो जाकर दूर हमसे इस कदर
मुड़कर एक बार भी ख्याल नहीं आया उन्हें
पर अभी भी हम सोच में ही थे की क्या खता हुई हमसे इस कदर
की यूँ छोड़ दिया उन्होंने हमें....
रूप सुहाना इस दुनिया का
पर इस दुनिया के लोगों के हैं रूप हजार.....
कोसते रहे इसी तरह पल पल खुद को उनकी की याद में
उन्होंने एक पल भी न सोचो की क्या होगा हमारा बाद में
वो अकेले थे इसी लिए मिल गया साथ दूसरा
और हम लिए याद उनकी हो गए अकेले बाद में....
रूप सुहाना इस दुनिया का
पर इस दुनिया के लोगों के हैं रूप हजार.....
पल में पास आते है, करते है इजहार दोस्ती का
दूसरे ही पल हो जाते है बेगाने ये बीच बाज़ार....
रूप सुहाना इस दुनिया का
पर इस दुनिया के लोगों के हैं रूप हजार.....

Sunday, May 11, 2014

माँ ...

हमको इस दुनिया में लाती है माँ ...
प्यार से खिलाती और सुलाती है माँ ...
अंगुली पकड़ कर चलना सिखाती है माँ ...
बोलना, पढ़ना, लिखना सिखाती है माँ ...
जीना हमको सिखाती है माँ ...
संस्कारो से हमको युक्त कराती है माँ ...
हर परिस्थिति से वाकिफ़ कराती है माँ ...
सब कुछ सह कर, जीवन में जीने लायक बनाती हैं माँ ...
लाख दुःख आये हमारे जीवन में, पर मदद सबसे आगे आती है माँ ...
सब से रूठी हो, मगर हमारी और प्यार से मुस्कुराती है माँ ...
बड़ी याद आती है माँ ...
बड़ी याद आती है माँ ...

Saturday, May 10, 2014

खव्याइश है सिर्फ अब यही मेरी....



वो तेरा हंस के खिलखिलाना
दौड़ कर जाना
मुड़कर मुस्कुराना
मेरी ओर देखकर शरमाना
भी एक अदा है तेरी ........
वो मेरे पास बैठना
मुझसे मुंह मोड़ना
मेरी उस गलती पर रूठना
रूठकर आंसू बहाना
भी एक सजा हैं मेरी .......
पास मेरे वापस आना
प्यार से गले लगाना
गले लगाकर मेरी बाँहों में रोना
और मुस्कुराकर सॉरी कहना
भी जिंदगी दूजी है मेरी .......
प्यार से इसी तरह जीना
हर पल हँसते मुस्कुराते रहना
साथ में हर पल बीताना
आशीर्वाद सबका है पाना
और साथ गुजर जाये जिंदगी ये मेरी तेरी .......
ऐसा ही अरमान सिर्फ दिल में बसाना
न कभी अब रोना
सिर्फ है मुस्कुराना
हमेशा गुनगुनाना
दिल में हमेशा मुझे रखना
खव्याइश है सिर्फ अब यही मेरी ........
@@@ Vijay Nama

जीवन में सुख दुःख .....



दिन और रात एक बहाना है
जीवन में सुख दुःख तो आना जाना है
बीते दिनों को फिर से दोबारा
इतिहास बनकर दोहराना है
असफलता भरे दिनों को देखकर
दोबारा सफलता की ओर हाथ बढ़ाना है
हार मिले या मिले जीत फिर
हमे परिस्थितियों से जीत जाना है
कुछ खोकर या कुछ पाकर
हमें रोज रोना या मुस्कुराना है
जीवन की इस कठिन डगर में
हम ही हमारा सहारा हैं
बस साथ चलेंगे दोनों इसी तरह
और आगे कदम बढ़ाना है
हमारी इस खुशहाल जीवन की नैया
सिर्फ तुझे और मुझे ही पार लगाना है