Saturday, December 22, 2012

तक़दीर


तक़दीर का खेल भी बड़ा अजीब होता है
कोई अपना तो कोई बेगाना  होता है
एक पल में मिलती हैं खुशियाँ हजार
दूसरे ही पल दुखों का सागर होता है
ऐसा  नहीं की हार के आलावा कुछ नहीं है इस सागर के पार
सागर पार करना ही जीत है मेरे यार
दुःख सुख का क्या है,
आते है जाते है जीवन में बार बार
हालत बदलते है बार बार
नहीं बदलता अगर कुछ तो वो है सिर्फ प्यार सिर्फ प्यार ...............

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